Friday, July 30, 2010

वनस अपान अ टाइम इन मुंबई


"वन्स अपान टाइम इन मुंबई " बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित १९७० के दशक की मुंबई की कहानी है | यहफिल्म मुख्यतह: मुंबई ( तत्कालीन बॉम्बे ) के स्मगलर हाजी मस्तान और दाऊद इब्राहीम पर आधारित है | फिल्म की कहानी की शुरवात सुल्तान ( अजय देवगन ) से होती है और अंत शोएब ( इमरान हाश्मी ) पर |इस फिल्म की पटकथा और डायलाग रजत अरोरा ने लिखे है, फिल्म की पटकथा में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे देख कर "वाह" किया जा सके |

फिल्म की कहानी काफी स्लो है और पूरी फिल्म नीरस प्रतीत होती है , फिल्म के शुरवाती द्रश्यो में सुल्तान(अजय देवगन) और रेहाना ( कंगना रानावत ) की प्रेम कहानी लोगो को बांध कर रखती है पर इसके बाद फिल्म मनोरंजन के ट्रेक से उतर जाती है | फिल्म को देख रहा दर्शक फिल्म के पहले सीन से क्लाइमेक्स तक यही सोचता रहता है की आखिर फिल्म का उद्देश्य क्या है ?


फिल्ममें अजय देवगन , कंगना रानावत , रणदीप हुड्डा का अभिनय काबिले तारीफ है पर इस मामले में इमरान हाश्मी और प्राची देसाई पिछड़ गए है | गीत संगीत की द्रष्टि से फिल्म में प्रीतम और इशाद कामिल ( गीतकार ) ने अच्छा काम किया है , फिल्म के "पी लूँ " "पर्दा " इत्यादि गाने काफी अच्छे बनपड़े है |

फिल्म में कास्टुयुम और सिनेमेटोग्राफी के जरिये १९७० के दशक का द्रश्य दिखने की कोशिश की गयी है जिसमे असीम मिश्रा( सिनेमेटोग्राफर ) सफल भी हुए है |फिल्म के निर्देशन में मिलन लथुरा ने कोई खास प्रभाव नहीं डालाहै |

कुल मिला कर यह कहा जा सकता है की " वन्स अपान टाइम इन मुंबई " एक फीचर फिल्म कम और एक ड्रामा - डाक्यूमेंट्री ज्यादा लगती है जो एक अपूर्ण अंत पर ख़त्म हो जाती है |