Friday, November 19, 2010

हेर्री पोटर प्रगतम


विन्गारियम लेविओसा ( हवा में उड़ने वाला जादुई मंत्र )
यानि हेर्री पॉटर की जादुई दुनिया के ख़यालात एक बार फिर हाज़िर है आप को जादुई सैर कराने के लिए । सन २००१ में जब हेर्री पॉटर सीरिज की पहली फिल्म हेर्री पॉटर और पारस पत्थर ( English tital - Harry potter and soccer's stone ) रिलीज हुई थी तब किसी को अंदाजा नहीं था यह जादू इस तरह भारतीय दर्शको के सर पर चढ़ कर बोलेगा ।

हेर्री पॉटर सीरिज की सातवी फिल्म मौत के तोहफे की कहानी शुरू होती है और पूरी दुनिया पर वोल्ड मोर्ट का कहर दिखाया जाता है । वोल्ड मार्ट का एक ही सपना है की हेर्री पॉटर को मौत के घाट उतार दिया जाये और इस काम के लिए वह अपनी पूरी फोज़ को लगा देता है| वंही दूसरी और हेर्री खुद को अकेला और असहाय mahsus कर रहा है । वह वोल्ड मार्ट का मुकाबला करने और उससे खत्म के लिए उसकी आत्मा के टुकड़े ( हु क्रक्स )को ढूढने का फैसला करता है | उसके इस फैसले में उसका साथ देते है रोन विजली (रुपर्ट गिन्त) और हरमायनी ग्रेंजर (एम्मा वाटसन ) । पूरी फिल्म दो तरफ़ा संघर्ष की कहानी है एक और हेर्री पॉटर का मकसद और दूसरी ओर वोल्ड मार्ट के शैतानी इरादे ।

डेनिअल रेडक्लिफ (हेर्री) ,एम्मा वाटसन (हरमायनी ) ,रुपर्ट गिन्त (रोन ) का अभिनय अच्छा है पर बहुत उम्दा नहीं । रेफल फिन्स (वोल्ड मोर्ट )ने अपनी दहशत ओर चालाकी को अभिनय से बरक़रार रहा है । फिल्म के बाकी कलाकार ने भी सधा हुआ अभिनय किया है फिर चाहे वह कलाकार २ मिनिट के लिए ही स्क्रीन पर आया हो ।

फिल्म का निर्देशन डेविड येट्स ने किया है जिन्होंने इस सिरीज़ की पिछली दो फिल्म मायापंछी का समूह (order of phoenix) ओर हाफ ब्लड प्रिन्स का निर्देशन किया है उनके निर्देशन का तकनीकी कोशल शानदार है परन्तु कहानी की कसावट ओर प्रभाव में वह इस सिरीज़ के अन्य निर्देशक जेसे क्रिश कोलंबस ( परस पत्थर ओर तहखाने का रहस्य फेम ) से काफी पीछे है ।

फिल्म में कहानी का आकर्षण इस सिरीज़ की अन्य फिल्म के मुकाबले कमजोर है फिल्म देख रहा दर्शक जब फिल्म जब इंटरवल के बाद १५ से २० मिनिट तक स्लो हो चुकी मूवी को देखता है तो खुद को थोडा बोर महसूस करने लग जाता है |हेर्री पॉटर सीरिज जैसे -जैसे अंत की ओर बड रही है वेसे वेसे इसका तकनिकी पक्ष तो मजबूत हो रहा है पर भावनात्मक तोर पर कमजोरी आ रही है |उदहारण के तोर पर इस फिल्म की सिनेमेटोग्राफी इतनी खुबसूरत है की कुछ द्रश्यो से आँखे नहीं हटती वही डायलोग इतने कमजोर की कही पर भी तालियों की गूंज सुनाई नहीं देती ।

कुल मिलाकर यह फिल्म देखने के बाद आपको इसकी अगली किस्त यानि हेर्री पॉटर ओर मौत के तोहफे भाग -२ का इंतजार रहेगा जो की हेर्री पॉटर सिरीज़ की खासियत है । फिल्म देखते हुए आप जादुई दुनिया में खो जायेगे ओर उस दुनिया से बाहर निकलने के लिए आप भी कहेगे
"अलहमोरा (जादुई मंत्र जो दरवाजा खोले के लिए कहा जाता है)